Face Value क्या होती है ?
- Stockvichaar
- Aug 28, 2018
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फेस वैल्यू (Face Value) यानी अंकित मूल्य शेयर की वास्तविक कीमत होती है जो कि शेयर प्रमाण पात्र पर अंकित रहती है.
यदि किसी कंपनी की कुल शेयर पूँजी दो करोड़ रुपये है और वह दस रुपये प्रति शेयर के बीस लाख शेयर जारी करती है तो दस रुपये उस कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू यानी अंकित मूल्य होगी.
फेस वैल्यू को पार वैल्यू (Par Value) भी कहते हैं.



मान लीजिये कोई कंपनी अपने शेयर को मार्किट में 100 रुपये में लिस्ट करती है तो
10 रुपये उसकी असली फेस वैल्यू है और बाकी के 90 रुपये प्रीमियम प्राइस है . अगर किसी कंपनी के शेयर का भाव बाजार में सूचित Listed होने के बाद मांग बढ़ने के कारण अपनी फेस वैल्यू 10 से बढ़ कर 50 रूपये हो जाता है तो अब इसे प्रीमियम वैल्यू या अबव पार (Above Par ) कहते हैं .और यदि शेयर की बाजार कीमत घट कर उसकी फेस वैल्यू से नीचे पांच रुपये रह जाती है तो इसे डिस्काउंट वैल्यू (Discount Value ) या बिलो पार (Below Par ) कहेंगे. दस रुपये के शेयर की कीमत यदि बाजार में सामान दर पर मतलब दस रुपये ही है तो इसे एट पार (At Par) कहेंगे.
कंपनी की बैलेंस शीट में टोटल शेयर्स कैपिटल (Total Shares Capital ) वाले कॉलम में आपको शेयर की फेस वैल्यू के मुताबिक ही वैल्यू दिखाई देगी ना कि शेयर्स की मार्किट वैल्यू के हिसाब से ऊपर दिए गए उदाहरण के तौर पर रिलायंस कंपनी की बैलेंस शीट पर अगर गौर करेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा. टोटल शेयर्स कैपिटल शेयर्स को अगर आप फेस वैल्यू से गुणा करेंगे तो आपको टोटल शेयर्स कैपिटल मिल जाएगा
टोटल शेयर्स X फेस वैल्यू
6334651022 X 10 = 6335 (करोड़ रुपये ) # एक महत्वपूर्ण बात और कंपनी जब भी कोई डिविडेंड देती है तो वह हमेशा शेयर की फेस वैल्यू पर होता है ना की शेयर की मार्किट प्राइस पर.मान लीजिये अगर रिलायंस कंपनी किसी साल 25 % का डिविडेंड देती है तो वह इस तरह से कैलकुलेट होगा
10 रुपये फेस वैल्यू का 25 % = 2.50 Rs प्रति शेयर
कंपनी अपने शेयर की फेस वैल्यू को बदल भी सकती है. कम्पनियां अपने शेयर को स्प्लिट Split यानी विभाजित कर उसके फेस वैल्यू को बदल सकती है. मान लीजिये यदि आपके पास रिलायंस कंपनी के दस रुपये फेस वैल्यू के सौ शेयर हैं और उनका बाजार भाव एक हज़ार रुपये प्रति शेयर है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करके उनकी फेस वैल्यू को पांच रुपये प्रति शेयर कर देती है. ऐसी स्थिती में कम्पनी आपके दस रुपये फेस वैल्यू वाले सौ शेयरों को पांच रुपये फेस वैल्यू के दो सौ शेयरों में परिवर्तित कर देगी. अब आपके शेयर का बाजार भाव भी कम हो कर पांच सौ रुपये प्रति शेयर के आस पास हो जाने की संभावना है.
अक्सर कम्पनियाँ अपने शेयरों की बाजार में कीमत बहुत अधिक हो जाने पर शेयरों को स्प्लिट करतीं हैं जिससे उनके शेयरों की कीमत छोटे निवेशकों की पहुँच में रहे और वे इन शेयरों में निवेश कर सकें.
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